चना बाजार रिपोर्ट

बाज़ार अवलोकन दिल्ली–राजस्थान (जयपुर) बाजार में चना पिछले सोमवार को ₹5900/25 प्रति क्विंटल पर खुला और शनिवार को ₹5850/75 पर बंद हुआ, जिससे सप्ताहिक तौर पर ₹50 प्रति क्विंटल की गिरावट दर्ज की गई। चना दाल और बेसन की कमजोर मांग ने बाजार पर दबाव बनाए रखा, जिससे लगातार दूसरे सप्ताह भी मंदी का रुझान देखने को मिला। घरेलू बाजार रुझान • दाल मिलों की मांग सुस्त रही, और खरीदारी केवल तत्काल जरूरतों तक सीमित रही। • दिल्ली चना ₹50 प्रति क्विंटल कमजोर हुआ, जबकि मुंद्रा पोर्ट पर ऑस्ट्रेलियन चना लगभग ₹100 गिरा। • पिछले कई हफ्तों से दिल्ली चना ₹5800–6000 की संकीर्ण रेंज में कारोबार कर रहा है। • निचले स्तरों पर कमजोर बिकवाली • ऊंचे स्तरों पर मिलर्स की खरीदारी कमजोर विशेषज्ञों का मानना है कि पिछले 1–1.5 वर्षों से सस्ते येलो पीज़ (मटर) के बड़े पैमाने पर आयात ने चने की खपत को कम कर दिया है। पीज़ ने कई राज्यों में चना दाल और बेसन की जगह ले ली है। पीज़ पर 30% आयात शुल्क लगाने के बावजूद चना कीमतों को ज्यादा सहारा नहीं मिला। 13 नवंबर को ऑस्ट्रेलिया से 38,500 टन पीज़ लेकर एक जहाज़ कांडला पोर्ट पहुंचा। आगे और आयात की उम्मीदों के चलते कई खरीदारों ने खरीदारी सीमित कर दी है। ऑस्ट्रेलियन चना: फ़सल व भाव अपडेट ऑस्ट्रेलियन चना फसल में मौसम-संबंधित नुकसान की अफवाहें बाज़ार में चलीं, लेकिन ऑस्ट्रेलियाई निर्यातकों या भारतीय आयातकों द्वारा इसकी कोई पुष्टि नहीं की गई। सप्ताह भर USD में निर्यात कीमतें स्थिर रहीं—जो दर्शाता है कि फसल की स्थिति उतनी खराब नहीं जितनी बाजार में कही जा रही है। • क्वींसलैंड (45% उत्पादन): कटाई लगभग पूरी • न्यू साउथ वेल्स (53% उत्पादन): कटाई तेजी से जारी • अनुमानित ऑस्ट्रेलियाई उत्पादन: 21–22 लाख टन विशेषज्ञों के अनुसार पुराने और नए ऑस्ट्रेलियन चना में ₹50–₹100 का भाव अंतर रहेगा, जिससे पुराने माल पर बिक्री दबाव बढ़ सकता है और कीमतों में तेजी सीमित रह सकती है। वर्तमान में लगभग 2.25 लाख टन ऑस्ट्रेलियन चना भारतीय बंदरगाहों पर पड़ा है और उठाव केवल आवश्यकता अनुसार हो रहा है। व्यापार संगठनों ने सरकार से चना आयात शुल्क बढ़ाने की मांग जारी रखी है, लेकिन अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं मिली है। आयात शुल्क अभी भी 10% है। प्राइस आउटलुक देशी उत्पादन को मजबूत करने और किसानों को बेहतर दाम देने के लिए विशेषज्ञ सुझाव देते हैं: • चना आयात शुल्क 10% से बढ़ाकर 30% किया जाए • पीज़ का आयात शुल्क 30% से बढ़ाकर 50% किया जाए पिछले तीन महीनों में दिल्ली चना ₹5700 (सपोर्ट) और ₹6175 (रेज़िस्टेंस) के बीच कारोबार करता रहा है। कभी-कभी सुधार के संकेत मिलने के बावजूद, बिकवाली ने कीमतों को ऊपर टिकने नहीं दिया। मज़बूत तेजी के लिए ₹6200 के ऊपर स्पष्ट ब्रेकआउट जरूरी है। अन्यथा कीमतें ₹5700–6200 की रेंज में रहने की उम्मीद है। साप्ताहिक क्लोजिंग ₹5700 के नीचे आने पर और कमजोरी संभव है। बुवाई और उत्पादन दृष्टिकोण इस सीज़न में अधिकांश राज्यों में चना की बुवाई बढ़ने की उम्मीद है, क्योंकि किसानों के पास अन्य फसलों के सीमित विकल्प हैं। कर्नाटक, राजस्थान और गुजरात से शुरुआती बुवाई की रिपोर्ट काफी मजबूत है।

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