राजस्थान और हरियाणा में सरसों की कीमतों में गिरावट, त्योहारी मौसम और अधिक आपूर्ति के बीच दबाव
पिछले पांच दिनों से सरसों की कीमतों पर लगातार दबाव बना हुआ है, और बाजार के रुझान पहले दिए गए चेतावनियों की पुष्टि कर रहे हैं। जयपुर में, ₹7,200 के समर्थन स्तर के टूटने के बाद सरसों के भाव ₹7,050 प्रति क्विंटल तक गिर गए हैं, जो पिछले दो महीनों का सबसे कमजोर स्तर है। वहीं, भरतपुर में कीमतें और गिरकर ₹6,625 प्रति क्विंटल रह गई हैं। इस गिरावट के पीछे कई कारण हैं। सबसे पहले, त्योहारी मौसम में मांग सुस्त बनी हुई है। इसके अलावा, NAFED द्वारा जारी सरकारी बिक्री बाजार में आपूर्ति को स्थिर बनाए रख रही है। वहीं, सस्ते मिश्रित तेलों की उपलब्धता शुद्ध सरसों के तेल की मांग को प्रभावित कर रही है। जयपुर में कच्चा सरसों का तेल अब ₹1,452 प्रति 10 किलो पर व्यापार कर रहा है, जबकि बुंदी, कोटा और भरतपुर जैसी जगहों पर यह ₹20�30 प्रति 10 किलो और गिर गया है। सरसों का भुसा (मस्टर्ड केक) भी तेज गिरावट का सामना कर रहा है। जयपुर में यह ₹95 की गिरावट के साथ ₹2,405 पर आ गया है, जबकि चरखी दादरी में यह ₹2,340 पर पहुँच गया है। वैश्विक बाजार से भी ज्यादा सहारा नहीं मिल रहा, क्योंकि CBOT पर सोयाबीन तेल की कीमत 50 के नीचे ट्रेड कर रही है, जिससे घरेलू सरसों के तेल की कीमतों पर दबाव बना हुआ है। विशेषज्ञों का सुझाव है कि जब तक मांग में सुधार नहीं होगा, सरसों की कीमतों में तेजी की संभावना कम है। हालांकि, दशहरा से जुड़ी कुछ खरीदारी के कारण थोड़ी बढ़ोतरी हो सकती है, लेकिन व्यापारी अपने स्टॉक बेचने की कोशिश करेंगे, जिससे बड़ी तेजी की उम्मीद नहीं है। कुल मिलाकर, बाजार में मंदी का रुझान जारी रहने की संभावना है, और सरसों के तेल की कीमतों में ₹2�3 प्रति किलो और सरसों के दानों में ₹150 प्रति क्विंटल तक गिरावट आ सकती है।