चावल (नॉन-बासमती) निर्यात के लिए APEDA पंजीकरण अनिवार्य करने का निर्यातकों ने स्वागत किया

भारत के हालिया कदम के तहत नॉन-बासमती चावल के निर्यात के लिए कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (APEDA) के साथ पूर्व पंजीकरण अनिवार्य कर दिया गया है, जिसे निर्यातकों ने स्वागत योग्य बताया है। उनका कहना है कि इस कदम से पारदर्शिता बढ़ेगी और नियामक निगरानी बेहतर होगी, जबकि व्यापार पर इसका प्रभाव न्यूनतम रहेगा। APEDA, जो चावल, फल, सब्जियां, मांस और डेयरी जैसे कृषि उत्पादों के निर्यात में सहायता करता है, अब नॉन-बासमती चावल के निर्यात अनुबंधों का पंजीकरण भी देखेगा�जो बासमती चावल के लिए पहले से मौजूद ढांचे के समान है। इंडियन राइस एक्सपोर्टर्स फेडरेशन (IREF) ने सरकार के इस निर्णय की सराहना की और कहा कि इससे भारत की चावल निर्यात नीति में एकरूपता और पारदर्शिता आएगी। सरकार द्वारा बुधवार को जारी अधिसूचना के अनुसार, नॉन-बासमती चावल का निर्यात केवल तभी किया जाएगा जब अनुबंध APEDA के साथ पंजीकृत हों। इस प्रक्रिया में प्रति मीट्रिक टन ₹8 का मामूली शुल्क शामिल है, और पंजीकरण प्रमाणपत्र ऑनलाइन जारी किए जाएंगे। विश्व के सबसे बड़े चावल निर्यातक के रूप में भारत का यह कदम बासमती और नॉन-बासमती चावल दोनों के निर्यात को अधिक रणनीतिक और नियंत्रित तरीके से प्रबंधित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

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