कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया की फसल समिति बैठक: उत्पादन, खपत और स्टॉक को लेकर लिए गए अहम फैसले

कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया (CAI) की अखिल भारतीय फसल समिति की बैठक मुंबई में आयोजित की गई, जिसमें देशभर से लगभग 25 सदस्यों ने भाग लिया। बैठक में अक्टूबर 2024 से जुलाई 2025 (10 माह) तक की कपास की स्थिति और 2024–25 कपास सत्र के लिए अनुमान पर चर्चा की गई। प्रमुख निर्णय और आंकड़े (सभी आंकड़े प्रति गांठ 170 किलोग्राम के अनुसार) कपास उत्पादन और प्रेसिंग 2024–25 सीजन के लिए भारत का कपास उत्पादन अनुमान 311.22 लाख गांठ पर स्थिर रखा गया। 31 जुलाई 2025 तक 302.24 लाख गांठों की प्रेसिंग पूरी हो चुकी है। अगस्त-सितंबर में शेष 8.98 लाख गांठों के आने की उम्मीद है। खपत अनुमान में वृद्धि कपास खपत का अनुमान 6 लाख गांठ बढ़ाकर 314 लाख गांठ कर दिया गया है। निर्यात और आयात निर्यात अनुमान 17 लाख से बढ़ाकर 18 लाख गांठ किया गया; 31 जुलाई तक 16 लाख गांठों का निर्यात हो चुका है। आयात अनुमान 39 लाख गांठ पर स्थिर है; अब तक 33 लाख गांठें आयात हो चुकी हैं, औसतन 3.30 लाख गांठ/माह। रिकॉर्ड क्लोजिंग स्टॉक 30 सितंबर 2025 तक क्लोजिंग स्टॉक का अनुमान 57.59 लाख गांठ लगाया गया है, जो पिछले अनुमान 55.59 लाख गांठ से अधिक है — यह कई वर्षों का उच्चतम स्टॉक है। प्रेसिंग विवरण 1 अक्टूबर 2024 से 31 जुलाई 2025 तक औसतन 1 लाख गांठ प्रतिदिन प्रेस हुई। जुलाई 2025 में 5.67 लाख गांठों की प्रेसिंग हुई। ओपनिंग स्टॉक संशोधित 30 सितंबर 2024 का शुरुआती स्टॉक 30.19 लाख से बढ़ाकर 39.19 लाख गांठ किया गया: 27 लाख गांठें मिलों के पास 12 लाख गांठें CCI और अन्य के पास मिलों में स्टॉक की स्थिति 31 जुलाई 2025 को मिलों के पास अनुमानित 32.50 लाख गांठ का स्टॉक था। औसतन 35–40 दिनों का स्टॉक उपलब्ध: उत्तर भारत: 60–75 दिन दक्षिण और मध्य भारत: ~30 दिन कुल स्टॉक अनुमान मिलों, CCI, जिनर्स, व्यापारियों और MNCs के पास कुल 96.77 लाख गांठ स्टॉक का अनुमान। इनमें से 64.27 लाख गांठें CCI, जिनर्स और व्यापारियों के पास हैं। सरकारी उत्पादन अनुमान में वृद्धि कृषि मंत्रालय ने 2024–25 के लिए उत्पादन अनुमान 294.25 लाख से बढ़ाकर 307 लाख गांठ कर दिया है। CCI स्टॉक कैरी फॉरवर्ड आयात में वृद्धि और ICE फ्यूचर्स में गिरावट के चलते, CCI के पास अगले सीजन में 25–30 लाख गांठ का स्टॉक बच सकता है। वैश्विक कारक और चुनौतियां चीन ने अमेरिका से कपास खरीदना बंद किया है। वहां उत्पादन 400 लाख, खपत 480 लाख, और 400+ लाख गांठ का पुराना स्टॉक है। अगर चीन आयात न करके अपना स्टॉक इस्तेमाल करता है तो वैश्विक बाजार पर दबाव बढ़ सकता है। अमेरिका ने भारतीय टेक्सटाइल निर्यात पर 50% टैरिफ लगाया है, जिससे कपास और यार्न की खपत पर नकारात्मक असर हो सकता है। ब्राज़ील का उत्पादन 7% बढ़कर 235 लाख गांठ होने की संभावना है, जिससे कम कीमत पर निर्यात करके ICE फ्यूचर्स पर दबाव पड़ सकता है। नई फसल की स्थिति और बोवाई सभी राज्यों से रिपोर्ट के अनुसार, बोवाई और वर्षा की स्थिति संतोषजनक है, और पैदावार में 5–10% वृद्धि संभव है। महाराष्ट्र में गुजरात 4G और 5G बीजों की उच्च बिक्री से 10–15% तक अधिक उपज का अनुमान। कर्नाटक में रिकॉर्ड 28–30 लाख गांठ उत्पादन संभव (पिछले साल 24 लाख)। उत्तर और दक्षिण भारत में 15 सितंबर से नई फसल की आवक शुरू होने की संभावना, सितंबर–अक्टूबर में 30–35 लाख गांठें आ सकती हैं। बाजार की संभावनाएं CCI की गैर-मौजूदगी में कपास की कीमत ₹6000–₹7200 प्रति क्विंटल तक गिर सकती है। हालांकि, कपास बीज (कपासिया/सरकी) के ऊंचे दाम से जिनर्स को लागत कम करने में मदद मिल सकती है। निष्कर्ष जहां एक ओर कपास का उत्पादन स्थिर है और खपत तथा निर्यात में बढ़ोतरी दर्ज हुई है, वहीं रिकॉर्ड क्लोजिंग स्टॉक और वैश्विक दबाव से आने वाले महीनों में बाजार पर प्रभाव पड़ सकता है। चीन, अमेरिका और ब्राज़ील के कारक, भारतीय कपास व्यापार की दिशा तय करेंगे।

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