खरीफ सीजन में फसलों की बुआई में 4.02% की बढ़ोतरी

चालू खरीफ सीजन में देशभर में फसलों की बुआई में अच्छी वृद्धि देखी जा रही है। कृषि मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष 8 अगस्त तक कुल 995.63 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में खरीफ फसलों की बुआई हो चुकी है, जो कि पिछले साल की इसी अवधि में दर्ज 957.15 लाख हेक्टेयर की तुलना में 4.02 फीसदी अधिक है। धान की रोपाई में जबरदस्त वृद्धि धान की रोपाई में इस बार उल्लेखनीय उछाल देखने को मिला है। अब तक 364.80 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में धान की रोपाई हो चुकी है, जबकि पिछले वर्ष यह आंकड़ा 325.36 लाख हेक्टेयर था। मानसून की अनुकूलता और जलस्रोतों की उपलब्धता को इस बढ़ोतरी का मुख्य कारण माना जा रहा है। दलहनी फसलों की स्थिति दलहनी फसलों की बुआई में मामूली वृद्धि दर्ज की गई है। अब तक 106.68 लाख हेक्टेयर में दलहन की बुआई हो चुकी है, जो पिछले वर्ष के 106.52 लाख हेक्टेयर से थोड़ी अधिक है। अरहर: 40.86 लाख हेक्टेयर (पिछले साल 42.87) मूंग: 33.21 लाख हेक्टेयर (पिछले साल 32.33) उड़द: 20.15 लाख हेक्टेयर (पिछले साल 19.91) मोठ: 9.06 लाख हेक्टेयर (पिछले साल 8.04) अन्य दलहन: 3.24 लाख हेक्टेयर (पिछले साल 3.21) तिलहन फसलों की बुआई में गिरावट तिलहनी फसलों की बुआई में इस बार गिरावट देखने को मिली है। अब तक 175.61 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में तिलहन की बुआई हुई है, जो पिछले वर्ष की तुलना में कम है (182.43 लाख हेक्टेयर)। मूंगफली: 43.23 लाख हेक्टेयर (पिछले साल 45.06) सोयाबीन: 119.51 लाख हेक्टेयर (पिछले साल 124.24) सनफ्लावर: 0.61 लाख हेक्टेयर (पिछले साल 0.68) हालांकि, कैस्टर सीड की बुआई में बढ़ोतरी हुई है और यह अब 3.19 लाख हेक्टेयर तक पहुंच चुकी है (पिछले साल 2.32 लाख हेक्टेयर)। वहीं शीशम सीड की बुआई घटकर 8.89 लाख हेक्टेयर रह गई है (पिछले साल 9.81 लाख हेक्टेयर)। मोटे अनाजों की बुआई में सुधार मोटे अनाजों की बुआई में इस बार अच्छी वृद्धि देखी गई है। अब तक कुल 178.73 लाख हेक्टेयर में बुआई हो चुकी है, जबकि पिछले वर्ष यह आंकड़ा 170.96 लाख हेक्टेयर था। मक्का: 91.89 लाख हेक्टेयर (पिछले साल 83.15) बाजरा: 64.86 लाख हेक्टेयर (पिछले साल 65.76) ज्वार: 13.69 लाख हेक्टेयर (पिछले साल 13.96) कपास और गन्ने की स्थिति गन्ने की बुआई में इस साल 57.31 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गई है, जो पिछले साल की तुलना में ज्यादा है (55.68 लाख हेक्टेयर)। हालांकि, कपास की बुआई में गिरावट दर्ज की गई है और अब तक केवल 106.96 लाख हेक्टेयर में ही कपास बोया गया है, जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 110.49 लाख हेक्टेयर था।

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