गेहूं बाजार रिपोर्ट

देशभर की अनाज मंडियों में इन दिनों गेहूं के बाजार में सन्नाटा पसरा हुआ है। बीते कुछ हफ्तों से भाव न तो ऊपर जा रहे हैं और न ही कोई बड़ी गिरावट दिख रही है। दिल्ली मंडी में गेहूं की कीमतें 15 दिनों के भीतर ₹2790 प्रति क्विंटल के उच्चतम स्तर से फिसलकर ₹2720 तक पहुंच गई हैं। बीते सप्ताह की शुरुआत में दिल्ली में भाव ₹2730 प्रति क्विंटल पर खुले थे, जो 28 जून की शाम को ₹10 घटकर ₹2720 रह गए। राजधानी में प्रतिदिन 8,000 से 10,000 बोरी की औसत आवक दर्ज की जा रही है। हरियाणा और पंजाब की मंडियों में क्वालिटी गेहूं की कीमतें ₹2450 से ₹2475 प्रति क्विंटल के बीच स्थिर बनी हुई हैं। तेजी न आने के पीछे कई कारण: � इस वर्ष गेहूं का बंपर उत्पादन हुआ है � लगभग 1170 लाख टन। � प्रधानमंत्री अन्न योजना के तहत मुफ्त वितरण से खुले बाजार में मांग सीमित हुई है। � स्टॉकिस्टों और मीलर्स ने पहले ही अपनी जरूरत के अनुसार खरीदारी कर ली है। � सरकार द्वारा स्टॉक लिमिट लागू करने और OMSS (Open Market Sale Scheme) की नीलामी प्रक्रिया में अस्पष्टता ने भी बाजार को दबाव में रखा है। OMSS को लेकर बाजार में चर्चा है कि इसकी बिक्री जुलाई तक टल सकती है। यदि बिक्री ₹2550 प्लस भाड़ा पर होती है, तो भावों में और गिरावट की संभावना नहीं है। इस समय मीलर्स और व्यापारी सतर्क हैं और नई खरीदारी में रुचि नहीं दिखा रहे, जिससे भाव स्थिर या हल्की गिरावट की ओर हैं। मंडी मार्केट मीडिया का विश्लेषण: ₹2700 प्रति क्विंटल का स्तर गेहूं के लिए मजबूत सपोर्ट बना हुआ है। सरकारी खरीद बंद होने के बाद हल्की गिरावट आना एक सामान्य ट्रेंड है और इससे घबराने की जरूरत नहीं है।

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