इथेनॉल उत्पादन के लिए सरकार ने चावल आवंटन बढ़ाकर 52 लाख टन किया

केंद्र सरकार ने 2024�25 इथेनॉल आपूर्ति वर्ष (ESY) के लिए इथेनॉल उत्पादन हेतु अतिरिक्त 28 लाख टन (LT) चावल के आवंटन को मंज़ूरी दे दी है। इससे इस वर्ष के लिए कुल चावल आवंटन 52 लाख टन हो गया है, जिसमें पहले से स्वीकृत 24 लाख टन भी शामिल हैं। यह आपूर्ति वर्ष 1 नवंबर 2024 से शुरू होकर 31 अक्टूबर 2025 तक चलेगा। सरकार ने चावल का निर्गमन मूल्य ₹22.50 प्रति किलोग्राम पर स्थिर रखा है। खाद्य मंत्रालय द्वारा जारी एक आधिकारिक ज्ञापन के अनुसार, भारतीय खाद्य निगम (FCI) ने पहले से आवंटित 24 लाख टन चावल पूरी तरह डिस्टिलरियों को आवंटित कर दिया है, लेकिन अब तक इथेनॉल उत्पादकों ने इसमें से केवल 10 लाख टन से कम उठाव किया है। यह निर्णय, इथेनॉल उत्पादन के लिए आवश्यक फीडस्टॉक की उपलब्धता और आवश्यकता के मूल्यांकन के बाद लिया गया है। उत्पादन और आर्थिक पहलू यदि प्रति टन चावल से 470 लीटर इथेनॉल उत्पादन का औसत माना जाए, तो 52 लाख टन चावल से लगभग 245 करोड़ लीटर इथेनॉल तैयार किया जा सकता है। इस चावल पर अनुमानित सरकारी सब्सिडी लगभग ₹10,000 करोड़ होगी, क्योंकि 2025�26 के लिए चावल की अनुमानित आर्थिक लागत ₹41.73 प्रति किलोग्राम है, जबकि डिस्टिलरियों को यह ₹22.50 प्रति किलोग्राम की दर से मिलेगा�इस तरह ₹19.23 प्रति किलोग्राम की सब्सिडी बनती है। पूरे 52 लाख टन चावल उठाने पर डिस्टिलरियां FCI को लगभग ₹11,700 करोड़ का भुगतान करेंगी। वहीं, इथेनॉल की बिक्री से उनकी कुल आय लगभग ₹14,300 करोड़ हो सकती है, क्योंकि सरकार ने इथेनॉल की खरीद दर ₹58.50 प्रति लीटर तय की है। एथेनॉल मिश्रण लक्ष्य की प्रगति यह निर्णय केंद्र सरकार के पेट्रोल के साथ इथेनॉल मिश्रण (EBP) कार्यक्रम को गति देने के उद्देश्य से लिया गया है। सरकार का लक्ष्य चालू आपूर्ति वर्ष (जो 31 अक्टूबर 2025 को समाप्त होगा) में 18% मिश्रण और 2025�26 में 20% मिश्रण दर हासिल करना है। नवंबर 2024 से अप्रैल 2025 के बीच मिश्रण दर पहले ही 18.5% के पार पहुंच चुकी है, जो इस दिशा में अच्छी प्रगति को दर्शाता है।

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