गेहूं की कीमतों में मजबूती, प्रमुख बाजारों में 2700 रुपये के करीब पहुंचा भाव

प्रतिकूल मौसम और आवक में कमी के चलते देशभर के प्रमुख बाजारों में गेहूं की कीमतों में तेजी बनी हुई है। बड़ी कंपनियों द्वारा की जा रही सक्रिय खरीद और स्टॉकिंग गतिविधियों ने इस तेजी को और बल दिया है। कल प्रमुख मंडियों में गेहूं की कीमतों में 10-20 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि दर्ज की गई, जिससे पिछले कुछ दिनों की तुलना में कुल बढ़त 30-50 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गई है। बारिश से प्रभावित गेहूं और प्रीमियम गुणवत्ता वाले गेहूं के बीच का मूल्य अंतर भी कम होकर 50-75 रुपये प्रति क्विंटल रह गया है, जबकि पिछले सप्ताह यह अंतर 100-125 रुपये प्रति क्विंटल था। हल्की बारिश से प्रभावित गेहूं पर बिकवाली का दबाव घटने से खरीदार अब कुछ हद तक कम गुणवत्ता वाले गेहूं की ओर रुख कर रहे हैं। मानसून पूर्वानुमान और स्टॉकिंग गतिविधियां तेज अंडमान क्षेत्र में मानसून के जल्दी आगमन की संभावनाओं ने बड़ी कंपनियों को बेहतर गुणवत्ता वाले गेहूं की खरीद में तेजी लाने के लिए प्रेरित किया है। उन्हें आशंका है कि जल्द ही अच्छी गुणवत्ता वाली फसल उपलब्ध नहीं होगी। इसके चलते बाजार में मांग तेज बनी हुई है। प्रमुख बाजारों का हाल: कोलकाता में गेहूं की कीमतों में 20 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि देखी गई और भाव 2,820-2,825 रुपये तक पहुंच गया। थोक में उपलब्धता सीमित रही, बावजूद इसके कुछ सौदों के लिए खरीदारों ने 2,840-2,850 रुपये प्रति क्विंटल तक भाव देने की इच्छा दिखाई। दिल्ली में 3 मई से 7 मई के बीच कीमतों में 65 रुपये प्रति क्विंटल की तेज़ बढ़त दर्ज की गई, जो 2,645 रुपये से बढ़कर 2,710 रुपये प्रति क्विंटल हो गई। इससे पहले 27 अप्रैल से 3 मई के बीच कीमतें स्थिर थीं। मध्य प्रदेश की मंडियों में गेहूं की कीमतें 20 रुपये बढ़कर 2,480-2,490 रुपये प्रति क्विंटल हो गई हैं। राज्य ने अपने खरीद लक्ष्य को 60 लाख टन से बढ़ाकर 80 लाख टन कर दिया है। राजस्थान व गुजरात में भी कीमतों में 10-20 रुपये की वृद्धि के साथ भाव 2,480-2,490 रुपये प्रति क्विंटल पर पहुंच गया है। उत्तर प्रदेश में कीमतें 2,500-2,510 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर रहीं। दक्षिण भारत के बाजारों में भाव 10 रुपये की तेजी के साथ 2,950 रुपये प्रति क्विंटल पर पहुंच गया। खरीद और स्टॉकिंग पर जोर, सरकारी खरीद लक्ष्य में वृद्धि सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अब तक FCI और राज्य एजेंसियों ने मिलकर 283 लाख टन गेहूं की खरीद की है, जो पिछले वर्ष की समान अवधि के 238 लाख टन से अधिक है। खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने संशोधित राष्ट्रीय लक्ष्य 332.7 लाख टन को पूरा करने का विश्वास जताया है, जिसे पहले 312.7 लाख टन निर्धारित किया गया था। निकट भविष्य का परिदृश्य: मौजूदा हालात को देखते हुए, आने वाले दिनों में गेहूं की कीमतों में और तेजी बनी रह सकती है। हालांकि, यह भी ध्यान देना जरूरी है कि मई में गेहूं की कीमतें उच्चतम स्तर पर हैं।

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