समर सीजन 2025 में फसल बुआई में 10.80% की वृद्धि, कृषि मंत्रालय के ताजा आँकड़े जारी

कृषि मंत्रालय द्वारा जारी किए गए ताजा आंकड़ों के अनुसार, समर सीजन 2025 में धान, दलहन, तिलहन और मोटे अनाज की बुआई में पिछले साल के मुकाबले 10.80% की महत्वपूर्ण वृद्धि देखने को मिली है। इस सीजन में अब तक इन फसलों की कुल बुआई 76.71 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि में यह आंकड़ा 69.23 लाख हेक्टेयर था। धान की रोपाई: देशभर में अब तक 32.02 लाख हेक्टेयर में धान की रोपाई हो चुकी है, जो पिछले साल की समान अवधि में 28.57 लाख हेक्टेयर के मुकाबले 12% अधिक है। यह वृद्धि मानसून की अनुकूल स्थिति और सरकार की प्रोत्साहन योजनाओं के सकारात्मक प्रभाव का संकेत देती है। दलहन फसलों की स्थिति: चालू समर सीजन में दलहन फसलों की बुआई में भी तेजी आई है। अब तक 20.67 लाख हेक्टेयर में दलहन फसलों की बुआई हुई है, जबकि पिछले साल इसी समय में यह आंकड़ा 18.47 लाख हेक्टेयर था। मूंग की बुआई 17.42 लाख हेक्टेयर में हुई, जो पिछले वर्ष 15.73 लाख हेक्टेयर थी। उड़द की बुआई 3.07 लाख हेक्टेयर में हुई, जो पिछले वर्ष 2.57 लाख हेक्टेयर थी। मोटे अनाजों की बुआई में वृद्धि: मोटे अनाज जैसे मक्का, बाजरा, ज्वार और रागी की बुआई में भी 12% की वृद्धि देखी गई है। इस सीजन में इन फसलों की कुल बुआई 14.51 लाख हेक्टेयर में हुई है, जो पिछले साल 12.95 लाख हेक्टेयर थी। मक्का की बुआई 8.82 लाख हेक्टेयर में (पिछले वर्ष: 7.37 लाख हेक्टेयर) बाजरा की बुआई 5.05 लाख हेक्टेयर में (पिछले वर्ष: 4.96 लाख हेक्टेयर) ज्वार की बुआई 46 हजार हेक्टेयर में रागी की बुआई 16 हजार हेक्टेयर में तिलहनी फसलों की स्थिति: तिलहन फसलों की बुआई में भी हल्की वृद्धि देखी गई है। इस सीजन में अब तक 9.51 लाख हेक्टेयर में तिलहन फसलों की बुआई हुई है, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह आंकड़ा 9.23 लाख हेक्टेयर था। मूंगफली की बुआई 4.31 लाख हेक्टेयर (पिछले वर्ष: 4.11 लाख हेक्टेयर) शीशम (सेसाम) की बुआई 4.77 लाख हेक्टेयर (पिछले वर्ष: 4.73 लाख हेक्टेयर) सनफ्लावर की बुआई 36 हजार हेक्टेयर (पिछले वर्ष: 31 हजार हेक्टेयर) इन आंकड़ों से यह स्पष्ट है कि 2025 के समर सीजन में किसानों का रुझान दलहन और मोटे अनाज की बुआई की तरफ अधिक रहा है। वहीं, तिलहन फसलों में अपेक्षाकृत धीमी वृद्धि रही है, जो बाजार में कमजोर भाव के कारण हो सकता है। मानसून की अनुकूल स्थितियाँ, सरकारी प्रोत्साहन योजनाओं और बेहतर बाजार भावों की उम्मीदों ने कुल मिलाकर फसल बुआई में वृद्धि में अहम भूमिका निभाई है। इस वृद्धि से उत्पादन में भी बढ़ोतरी की संभावना बनी हुई है और खरीफ सीजन की तैयारी में भी यह सहायक साबित होगी।

Insert title here