एफसीआई की गेहूं खरीद पिछले वर्ष के आंकड़े से आगे, संशोधित लक्ष्य के करीब पहुँची
भारतीय खाद्य निगम (FCI) ने चालू विपणन सत्र में अब तक 27.36 मिलियन टन (एमटी) गेहूं की खरीद कर ली है, जो पिछले वर्ष की कुल खरीद 26.6 एमटी से अधिक है। पिछले वर्ष समान अवधि तक यह खरीद 23.13 एमटी थी। कृषि मंत्रालय ने 2024-25 फसल वर्ष (जुलाई-जून) के लिए गेहूं का उत्पादन रिकॉर्ड 115.43 एमटी होने का अनुमान लगाया है। खरीद लक्ष्य में संशोधन शुरुआत में केंद्र सरकार ने 31.27 एमटी गेहूं खरीद का लक्ष्य रखा था, जिसे बाद में बढ़ाकर 33.27 एमटी कर दिया गया। इस संशोधन में मध्य प्रदेश का लक्ष्य 6 एमटी से बढ़ाकर 8 एमटी कर दिया गया। राज्य में अब तक 7.27 एमटी गेहूं की खरीद हो चुकी है, जो पिछले वर्ष के 3.89 एमटी से काफी अधिक है। पंजाब में मामूली गिरावट पंजाब में अब तक 11.19 एमटी गेहूं खरीदा गया है, जो पिछले वर्ष की 11.27 एमटी से थोड़ा कम है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस गिरावट का कारण निजी व्यापारियों और आटा मिलों द्वारा बड़े पैमाने पर की गई खरीदारी है। पिछले वर्ष FCI द्वारा 10 एमटी गेहूं खुले बाजार में बेचा गया था, जिससे व्यापारियों ने इस वर्ष शुरुआती खरीद से परहेज किया। बाद में, मांग बढ़ने पर कुछ मिलों ने ₹3,100 प्रति क्विंटल से अधिक कीमत पर गेहूं खरीदा, जबकि सरकार का आरक्षित मूल्य ₹2,300 प्रति क्विंटल था। अन्य राज्यों की स्थिति हरियाणा: अब तक 6.77 एमटी (पिछले साल 6.72 एमटी) राजस्थान: 1.28 एमटी (पिछले साल 0.55 एमटी) � उल्लेखनीय वृद्धि उत्तर प्रदेश: अब तक 0.85 एमटी (पिछले साल 0.68 एमटी) � अभी भी चिंताजनक स्थिति नीति में संभावित बदलाव उत्तर प्रदेश से कम खरीद के चलते सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) में गेहूं की उपलब्धता पर असर पड़ सकता है। पहले की तरह सरकार ने 2022 से राशन में गेहूं के स्थान पर चावल देना शुरू किया था, जो 2023 और 2024 में भी जारी रहा। हालांकि अक्टूबर 2024 में आंशिक रूप से गेहूं की आपूर्ति बहाल की गई थी। सरकार अब इस वर्ष की कुल खरीद के आधार पर राशन में गेहूं आवंटन की समीक्षा करेगी।